एक कैदी को फांसी लगने जा रही थी.
जेलर ने पूछा – “आखिरी बार किसी से मिलना चाहोगे ?”
कैदी – “जी हाँ, बीवी से !”
जेलर – “माँ-बाप से नहीं ?”
कैदी – “माँ-बाप तो अगला जनम लेते ही मिल जायेंगे…. बीवी के लिए फिर 25 साल इंतज़ार करना पड़ेगा … !!!”
हर गजल का प्यार से आगाज़ होना चाहिए, शेर कहने का यही अंदाज होना चाहिए। दोस्तों की दोस्ती पर नाज होना चाहिए, दुश्मनों से प्यार का आगाज हो...
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