कहानी रफ़ कॉपी की📔
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👥जब हम पढ़ते थे तो हर subject की कॉपी अलग थी।
लेकिन एक ऐसी कॉपी📖 थी जो हर subject को संभालती थी।
उसे हम कहते थे "रफ़ कॉपी"📔
👥जब हम पढ़ते थे तो हर subject की कॉपी अलग थी।
लेकिन एक ऐसी कॉपी📖 थी जो हर subject को संभालती थी।
उसे हम कहते थे "रफ़ कॉपी"📔
यूँ तो रफ़ कॉपी📔 का मतलब खुरदुरा होता है।
लेकिन ये हमारे लिए बहुत ही मुलायम थी..
लेकिन ये हमारे लिए बहुत ही मुलायम थी..
क्योकि...
1) उसके कवर पर हमारा कोई पसंदीदा चित्र होता था।😛😛
2) उसके पहले पन्ने पर डिजाइन में लिखा हुआ हमारा नाम।😊😊
3) शानदार राइटिंग में लिखा हुआ पहला पेज।😁😁
4) बीच में लिखते तो हिंदी थे पर लगता था जैसे कई भाषाओं का मिश्रण हो।😜😜
5) अपना लिखा खुद नही समझ पाते थे।😂😂
1) उसके कवर पर हमारा कोई पसंदीदा चित्र होता था।😛😛
2) उसके पहले पन्ने पर डिजाइन में लिखा हुआ हमारा नाम।😊😊
3) शानदार राइटिंग में लिखा हुआ पहला पेज।😁😁
4) बीच में लिखते तो हिंदी थे पर लगता था जैसे कई भाषाओं का मिश्रण हो।😜😜
5) अपना लिखा खुद नही समझ पाते थे।😂😂
रफ़ कॉपी📔 में हमारी बहुत सी यादें छुपी होती थी🙇🏻
वो अनकहा प्रेम...💑
वो अंजना सा गुस्सा ...😲
बेमतलब के दर्द...🙁
कुछ उदासी🙇🏻 छुपी होती थी...
वो अनकहा प्रेम...💑
वो अंजना सा गुस्सा ...😲
बेमतलब के दर्द...🙁
कुछ उदासी🙇🏻 छुपी होती थी...
हमारे रफ़ कॉपी📔 में कुछ ऐसे code words लिखते थे✍🏼
जो सिर्फ और सिर्फ हम ही समझ सकते थे😂😂
जो सिर्फ और सिर्फ हम ही समझ सकते थे😂😂
उसके आखिरी पन्नों पर वो राजा, मंत्री, चोर, सिपाही का स्कोर बोर्ड📋
वो दिल💞छू जाने वाली शायरी।
कुछ ऐसे नाम जिन्हें हम मिटने की सोच🤔 भी नहीं सकते थे।
वो दिल💞छू जाने वाली शायरी।
कुछ ऐसे नाम जिन्हें हम मिटने की सोच🤔 भी नहीं सकते थे।
मतलब हमारे बैग🎒में कुछ हो न हो रफ़ कॉपी जरूर रहती थी।
लेकिन अब वो दिन काफी दूर चले गए😥
रफ़ कॉपी📔 हमसे दूर चली गयी😥
रफ़ कॉपी📔 हमसे दूर चली गयी😥
शायद पड़ी होगी घर🏠के किसी कोने में...
मेरी यादों को छुपाये हुए..🙁
सबकी नज़रों👀 से बचाये हुए..😥
मेरी यादों को छुपाये हुए..🙁
सबकी नज़रों👀 से बचाये हुए..😥
न जाने कहाँ होंगे वो दोस्त👥
न जाने कहाँ होंगी वो यादें🙁
न जाने कहाँ होंगी वो यादें🙁
🤔सोचता हूँ...
जब चार दिन बचेंगे ज़िन्दगी के😓
तब खोलूंगा वो रफ़ कॉपी📔
"देखूंगा चश्मे👓 में छिपे आँखों से😰"
"पलटूंगा कपकपाती हाथों से😓"
"पढूंगा थरथराती होठों से🙁
जब चार दिन बचेंगे ज़िन्दगी के😓
तब खोलूंगा वो रफ़ कॉपी📔
"देखूंगा चश्मे👓 में छिपे आँखों से😰"
"पलटूंगा कपकपाती हाथों से😓"
"पढूंगा थरथराती होठों से🙁
क्योंकि अभी तो...
"जो 👀नज़रों-नज़रों👀 से होती थी, वो अल्फ़ाज़ अधूरी है"
"जो दोस्तों 👬 के साथ बिताए, वो याद अधूरी है"
"👲🏻बचपन में जैसे जीता था, वो अंदाज अधूरी है"
"अभी उस रफ़ कॉपी 📔में कई code words, कई सवाल हैं यारों..
जिनकी अभी हिसाब 📝 अधूरी है।"🙇🏻
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"जो 👀नज़रों-नज़रों👀 से होती थी, वो अल्फ़ाज़ अधूरी है"
"जो दोस्तों 👬 के साथ बिताए, वो याद अधूरी है"
"👲🏻बचपन में जैसे जीता था, वो अंदाज अधूरी है"
"अभी उस रफ़ कॉपी 📔में कई code words, कई सवाल हैं यारों..
जिनकी अभी हिसाब 📝 अधूरी है।"🙇🏻
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Hello....Koi he yaha ...Hello.
ReplyDeletenice lines...
ReplyDeleteNice thought... I write poetry too..
ReplyDeleteNyc पुरानी याद दिला दी
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ReplyDeleteif u reallY want to read some awesome poetrY then u should to follow this link.........https://wikishayar.blogspot.com/2021/03/blog-post.html
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