जिंदगी में सिर्फ एक सौदा कीजिए
इंसानियत का जज्बा पैदा कीजिए।
गर्मों की धूप में तप जाईए खुद आप
खुशी की छांव औरों पर गंवा दीजिए।
मंदिरों और मस्जिदों में खुदा बसता नहीं
ज़ख्मी दिलों को मरहम दिया कीजिए।
नामों-निशान न कोई मिटा सकेगा जहां से
खातिर दूसरों की हर पल जिया कीजिए।
आ जायेगी नज़र कुदरत की रहमत
खुद से ऊपर उठकर देखा कीजिए।
" अनमोल " गर सीखना है जिंदगी का सबक
'आरजू' का खाली पैमाना कीजिए।
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