Wednesday 28 June 2023

नख़ुश किया है मैंने

अपने सीने से लगा कर हुये उम्मीद की लाश
मुद्दो की ज़िंदगी को 
नख़ुश किया है मैंने
ऐ कविता तुने तो एक ही
 गम से किया था दो चार
दिल को हर तरह से 
बर्बाद किया है मैंने

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