एक तरफ प्यार हमे करते हो, एक तरफ रूलाते क्यूँ हो?
मेरे दर्द-ए-दिल के अफसाने पर मुस्कुराते क्यूँ हो?
मेरे दर्द-ए-दिल के अफसाने पर मुस्कुराते क्यूँ हो?
हर गजल का प्यार से आगाज़ होना चाहिए, शेर कहने का यही अंदाज होना चाहिए। दोस्तों की दोस्ती पर नाज होना चाहिए, दुश्मनों से प्यार का आगाज हो...
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