Monday, 31 December 2012

अंत हीन पर्श्नो के साथ




तार -तार  इजत्त लहुलुहान आत्मा  क़े  साथ वो  चली  गई मौत की आगोश में और छोर गई आनंत सवाल चिंतन ,मनन ,मंथन के लिए जोश , आक्रोश रोष ,पर्दशन कैंडल मार्च इंसाफ के नारे मंत्रियो के भषण सरकारी आश्वासन नयाय की गुहार जनता की पुकार क्या रोक पायंगे नारी शोषण ,बलात्कार क्या सजा पायंगे कसूरवार उसके जाने का मातम क्या रह जायगा सरदंजली सभाओ तक सिमित जनमानस को झिंझोरने के लिय लोकतंतर को कचोटने के लिय वो चली गई अंत हीन पर्श्नो के साथ 

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